समाज एवं राष्ट्र के विकास हेतु आवश्यक है कि सभी संगठन एवं मनुष्य अपना शत प्रतिशत योगदान प्रदान करें| समाज एवं राष्ट्र की उन्नति में कोई भी अपना योगदान प्रदान कर सकता है| जब कोई भी मनुष्य अपना योगदान राष्ट्रोत्थान हेतु देता है तो वह समाज के लिए अनुकरणीय एवं सम्मानीय हो जाता है| ऐसे ही बहुत से मनीषी एवं समाज सुधारक हमारे समाज में हुए हैं| जिनके विचार आज भी प्रासंगिक एवं मौलिक हैं| आवश्यकता है कि उनके विचारों एवं लेखा को संजोए जाए तथा आने वाली पीढ़ी को उनके बारे में जानकारी प्रदान की जाए| जब हम ऐसी विभूतियों के बारे में प्रचार प्रसार करते हैं तो समाज उनके आदर्शों पर चलने का प्रयास करता है| वर्तमान समय में ऐसी विभूतियों के विचारों एवं मतों के बारे में शोध करना एवं समाज को उनके बारे में जानकारी प्रदान करना समाजोत्थान हेतु एक सराहनीय कदम हो सकता है| इसी क्रम में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा में निम्नलिखित शोधपीठों की स्थापना की गई जो वर्तमान भी में भी संचालित है|